खगड़िया: RPF निरीक्षक प्रभारी को सूचना प्राप्त हुआ कि बखरी बस स्टैंड रेल परिक्षेत्र में एक कबाड़ी चुनने वाला व्यक्ति के पास बम है, सूचना पाकर आरपीएफ खगड़िया के निरीक्षक प्रभारी अरविंद कुमार राम साथ सहायक उप निरीक्षक रणबीर कुमार, आरक्षी विक्रम कुमार आजाद एवं जीआरपी खगड़िया के थानाध्यक्ष नरेश कुमार के साथ घटनास्थल के लिए प्रस्थान किया साथ ही नगर थानाध्यक्ष को भी सूचना से अवगत कराया। घटनास्थल पर पहुंचे तो पाया कि एक कबाड़ चुनने वाला लड़का को कुछ आम लोग उसके पास बरामद बोरे में सामान के साथ पकड़ रखा है तथा आम लोग कह रहे थे कि इस लड़के के पास ढेर सारा बम है । कवाड़ चुनने वाला लड़का से पूछताछ करने पर उसने अपना नाम व पता देव कुमार, उम्र 18 वर्ष, पिता मंगल सदा , घर बखरी बस स्टैंड वार्ड नंबर 6, थाना- नगर, जिला- खगड़िया बताया ।
उसके पास से बरामद बोरे को चेक करने पर पाया गया कि रेलवे में फॉग के समय सिग्नल के रूप में उपयोग आने वाल यंत्र, फॉग सिग्नल पटाका पड़ा हुआ है, इसी के बारे में लोगों ने बम का अफवाह फैला दिया था। बरामद फॉग सिग्नल का मौके पर गिनती किया गया तो कुल 347 फॉग सिग्नल, 35 डब्बा के साथ बरामद हुआ । उपरोक्त बरामद फोग सिग्नल के बारे में उक्त पकड़ाये लड़का से पूछने पर बताया कि वह कवाडी चुनने के क्रम में खगड़िया स्टेशन के दक्षिणी सर्कुलेटिंग एरिया के पूर्व में स्थित रेलवे कॉलोनी में एक खाली पड़े एबंडेंट क्वार्टर के पास पड़ा हुआ था, वहीं से यह कवाड़ समझ कर उठा लिया था तथा इसको तोड़कर कबाड़ी दुकान में बेचने के फिराक में था कि एक फॉग सिग्नल पटाखा तोड़ने के समय आवाज किया जिसे वहां मौजूद आम लोगों ने बम समझ लिया ।
उपरोक्त फॉग सिग्नल के बारे में छानबीन करने पर ज्ञात हुआ कि यह खगड़िया स्टेशन अधीक्षक के अंतर्गत ऑपरेटिंग विभाग का है, जो एक्सपायर एवं अनउपयोगी हो चुका था ,जिसे लगभग डेढ़ महीना पहले ही स्टेशन कंस्ट्रक्शन वर्क के कारण अनउपयोगी एवं एक्सपायर सामान के साथ उक्त एक्सपायर एवं अनुपयोगी फॉग सिग्नल को दक्षिणी रेलवे कॉलोनी के अवेंनडेंट क्वार्टर में नष्ट करने वास्ते रख दिया गया था, जिसमें सुरक्षा से संबंधित कोई ताला नहीं लगा था । उसी एबंडेंट क्वार्टर में यह बरामद फॉग सिग्नल पड़ा हुआ था , जिसे उक्त कबाड़ चुनने वाला व्यक्ति ने कबाड़ समझ के उठा लिया था , इसमें इसका कोई अपराधी इरादा दिखाई नहीं दे रहा है । बरामद फॉग सिग्नल एक पटाखा है, जिसमें एक्सप्लोसिव मौजूद है, इसे नियमत: प्रक्रिया के तहत गहरे मिट्टी में गाड़ कर या गहरे पानी में फेंककर नष्ट करना चाहिए था परंतु इसे एबंडेंट क्वार्टर में रखकर लावारिस हालत में छोड़ देना कतई उचित नहीं था । वरीय अधिकारी के निर्देशानुसार इसमें हुई लापरवाही के बारे में जांच की जा रही है।