सूर्य ग्रहण 25 अक्टूबर को, 24 की रात से लग जाएगा सूतक, जानें ग्रहण के बीच कैसी होगी पूजा

ज्योतिषाचार्यों के मुताबिक, सूर्य ग्रहण 25 अक्टूबर सुबह 11 बजकर 28 मिनट से शुरू होगा और शाम 6 बजकर 33 मिनट तक रहेगा, लेकिन देश में यह शाम 4 बजकर 42 मिनट से शाम 5 बजकर 22 मिनट तक ही रहेगा। इसका सूतक काल 12 घंटे पहले शुरू हो जाएगा।

कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि यानी 25 अक्टूबर को सूर्य ग्रहण लगने जा रहा है। इस कारण दीपावली एक दिन पहले 24 अक्टूबर को मनाई जाएगी। ज्योतिषाचार्यों के मुताबिक, सूर्य ग्रहण 25 अक्टूबर सुबह 11 बजकर 28 मिनट से शुरू होगा और शाम 6 बजकर 33 मिनट तक रहेगा, लेकिन देश में यह शाम 4 बजकर 42 मिनट से शाम 5 बजकर 22 मिनट तक ही रहेगा। इसका सूतक काल 12 घंटे पहले शुरू हो जाएगा। ऐसे में 24 अक्टूबर की रात के बाद 25 अक्टूबर को तड़के 4 बजकर 42 मिनट तक ही अमावस्या पूजन किया जा सकेगा।

ज्योतिषाचार्यों के मुताबिक, समुद्र मंथन के समय कार्तिक कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी को भगवान धन्वंतरि अमृत कलश लेकर प्रकट हुए थे। इसी कारण इस दिन निरोगिता की कामना से भगवान धन्वंतरि का पूजन किया जाता है। इस साल 23 अक्टूबर को सर्वार्थ सिद्धि योग में धनतेरस और नरक चतुर्दशी मनाई जाएगी।

दीपावली पूजन शाम 6:57 से रात 8:53 बजे तक

ज्योतिषाचार्यों ने बताया है कि अमावस्या तिथि यानी 24 अक्टूबर की शाम 5:03 बजे से 25 अक्टूबर की शाम 4:34 बजे तक रहेगी। 25 अक्टूबर को अमावस्या का सूर्योदय मान तो होगा, लेकिन रात में अमावस्या नहीं रहेगी। इस कारण अमावस्या की रात का मान लेते हुए 24 अक्टूबर को दीपावली मनाई जाएगी। इस दिन लक्ष्मी-कुबेर का पूजन शाम 6:57 से रात 8:53 बजे तक किया जा सकेगा। अमावस्या की रात में ही मां काली का भी पूजन किया जाएगा।

कुश और गंगाजल पास रखें गर्भवतियां

धर्म शास्त्रों के अनुसार, सूतक काल और ग्रहण काल में बालक, वृद्ध और रोगी को छोड़कर अन्य को भोजन नहीं करना चाहिए। इस दौरान मंदिरों के पट भी बंद रहेंगे, लेकिन भक्तगण ‘ओम नमो भगवते वासुदेवाय’ का 108 बार जाप कर सकते हैं। ग्रहण काल में गर्भवतियां अपने पास कुश और गंगा जल रखें। साफ कुश को पके हुए भोजन में डालें। इसके अलावा ग्रहण काल में लाल कपड़ा, तांबे का पात्र, गुड़, मसूर की दाल, गेंहू, लाल फल दान करना चाहिए।

यम पंचक 22 अक्टूबर की शाम 4:32 बजे से 27 अक्टूबर दोपहर 2:12 बजे तक रहेगा। शास्त्रों में यम पंचक के दौरान मथुरा-वृंदावन में दीपदान का विधान करने को कहा गया है। ऐसे में जो लोग मथुरा-वृंदावन न जा पाएं, वे घर पर ही पूजन कर सकते हैं।

दीपावली के बाद 26 अक्टूबर को गोवर्धन अन्नकूट पूजा होगी तो 27 अक्टूबर को भाई दूज और चित्रगुप्त भगवान का पूजन होगा। दूज का पूजन 27 अक्टूबर को सूर्योदय के बाद पूरे दिन किया जा सकेगा, लेकिन दोपहर 2:12 बजे तक करना अधिक कल्याणकारी रहेगा। इस दिन सर्वार्थ सिद्धि योग भी मिलेगा।

ज्योतिषाचार्यों ने बताया कि इस साल कुल चार ग्रहण हैं। इसमें दो सूर्य और दो चंद्र ग्रहण होंगे। 30 अप्रैल का सूर्य ग्रहण और 16 मई का चंद्र ग्रहण देश में नहीं दिखा। अब 25 अक्टूबर का सूर्यग्रहण और 8 नवंबर का चंद्रग्रहण देश में दिखेगा। 8 नवंबर को दोपहर 2:39 बजे से चंद्रग्रहण शुरू होगा। इसका मध्य काल शाम 4:29 बजे और मोक्ष काल शाम 6:19 बजे होगा। ग्रस्तोदय रूप में बहुत ही कम समय के लिए भारत में यह चंद्रग्रहण देखा जा सकेगा। इसका सूतक काल ग्रहण से नौ घंटे पहले सुबह 5:39 बजे से लग जाएगा।

Suman kumar jha

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