*खगड़िया*: जन सुराज अभियान के सूत्रधार प्रशांत किशोर ने कहा अभी से भी जगिए, हम हाथ जोड़ रहे हैं। हमारी आधे से ज्यादा जिंदगी बीत गई। मेरी उम्र 45 साल हो गई है अगर आज बिहार में सुधार हो भी जाए तब भी हमारी जिंदगी नहीं सुधर सकती है। अब आप पढ़-लिखकर डॉक्टर-इंजीनियर नहीं बन सकते हैं। अगर, आप अभी से भी जग जाए तो आपकी नहीं तो आपके बच्चों का जीवन सुधर जाएगा। अगर आप नहीं जगिएगा तो नाली-गली, जाति-धर्म, हिन्दू-मुसलमान, मंदिर-मस्जिद पर वोट देते रहिएगा तो लिख कर रखिए जिस गरीबी बदहाली में आपकी जिंदगी बीती है, उसी गरीबी-बदहाली में आपके बच्चों को भी जीना पड़ेगा। कोई नहीं सुधार सकता है, एक प्रशांत किशोर आए चाहे 10 प्रशांत किशोर।
*कोरोना काल में आपके बच्चों को भारतवर्ष में लोगों ने भगा दिया था, फिर जाति के नाम पर आप उन्हीं नेताओं को वोट दे रहे: प्रशांत किशोर*
प्रशांत किशोर ने कहा कि हमें लोग कहते हैं कि बिहार में विकल्प ही नहीं है। अब आप आएं हैं आप दल बनाइए, आप बहुत पढ़े लिखे हैं आप आगे-आगे चलिए पीछे से हम चलेंगे। मैं ये 17 महीनों से सुन रहा हूं। हर गांव में मैं ये कहता हूं, मैं हाथ जोड़ रहा हूं। हमें आपका साथ नहीं चाहिए, आप वो लोग हैं जो अपने बच्चों के साथ खड़े नहीं हुए हमारे साथ भला क्या खड़े होइएगा? कोरोना काल में आपके बच्चों को भारतवर्ष में लोगों ने भगा दिया था, महीने-महीने भर पैदल चलकर वो बच्चे घर आए थे। उन्हीं परिवार के बच्चे जब वापस गए तो आपने जाति के नाम पर फिर उसी नेता को वोट दिया। आप अपने बच्चों के नहीं हुए तो हमारे होइएगा?
*प्रशांत किशोर ने कुल 10.1 किलोमीटर तक पी पदयात्रा*
प्रशांत किशोर ने अलौही ब्लॉक में शुक्रवार को पदयात्रा की और कुल 10.1 किलोमीटर तक चले। इस दौरान वे मीडियल स्कूल बहादुरपुर से पदयात्रा की शुरुआत कर सीएससी सेंटर चिलकौरी, चिलकौरी चौक, बुढ़हौरा, मानिकचक, गौरकचक, बड़ी सिमराहा, मजौना, हरिपुर में आकर रात्रि विश्राम किया।