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3 प्वाइंट पर सुप्रीम कोर्ट में ऐसा फंसा चुनाव आयोग कि धाकड़ जस्टिस ने उधेड़ दी बखिया, वोटर लिस्ट पर हार..

"🚨 सुप्रीम कोर्ट में चुनाव आयोग की फजीहत! बिहार वोटर लिस्ट रिवीजन पर आधार, वोटर आईडी, राशन कार्ड स्वीकार करने का आदेश। लाखों वोटरों का मताधिकार बचाने की लड़ाई में कोर्ट ने उठाए सख्त सवाल। क्या ये NRC की आड़ में खेल था? अगली सुनवाई 28 जुलाई को।


सुप्रीम कोर्ट में बिहार वोटर लिस्ट के स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR) को लेकर चुनाव आयोग की जमकर फजीहत हुई। इस रिवीजन से लाखों वोटरों के मताधिकार पर खतरा मंडरा रहा है, क्योंकि आयोग ने 11 दस्तावेजों की मांग की, लेकिन आधार कार्ड, वोटर आईडी और राशन कार्ड को मान्यता नहीं दी। कपिल सिब्बल, अभिषेक मनु सिंघवी, गोपाल शंकर नारायणन जैसे वरिष्ठ वकीलों ने आयोग की टाइमिंग और प्रक्रिया पर सवाल उठाए, इसे असंवैधानिक और लोकतंत्र के खिलाफ बताया। 


जस्टिस धुलिया और जस्टिस बागची ने आयोग से पूछा कि आधार कार्ड को क्यों खारिज किया और चुनाव से ठीक पहले ये कवायद क्यों? कोर्ट ने अंतरिम आदेश दिया कि आयोग को आधार, वोटर आईडी और राशन कार्ड स्वीकार करना होगा। आयोग को 28 जुलाई 2025 तक जवाब दाखिल करने को कहा गया। कोर्ट ने माना कि ये मामला मताधिकार और लोकतंत्र की जड़ों से जुड़ा है। 


**मुख्य बिंदु:**

- आयोग का SIR संविधान के अनुच्छेद 14, 21, 324-326 का उल्लंघन करता है।

- नागरिकता सत्यापन का अधिकार आयोग का नहीं, गृह मंत्रालय का है।

- आयोग की टाइमिंग और दस्तावेजों की मांग से लाखों वोटर प्रभावित हो सकते हैं।

- अगली सुनवाई 28 जुलाई 2025 को होगी।


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